छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सरकारी छुट्टियों की लगातार भरमार से आमजन के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। पिछले दो सप्ताह में कुल छह दिन की सरकारी छुट्टी रही, जिससे सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा और अधिकारी-कर्मचारियों पर फाइलों का दबाव भी बढ़ गया है।
हर शनिवार को शासकीय अवकाश घोषित होने के बाद शनिवार और रविवार लगातार दो दिन छुट्टी होने लगी है। इसके साथ जब तीज-त्योहारों की छुट्टियां भी जुड़ जाती हैं, तो कार्यालय लगातार बंद रहते हैं। इससे न केवल आम जनता को काम कराने में दिक्कत आती है, बल्कि जनदर्शन में आने वाली शिकायतों और आवेदनों का भी निपटारा नहीं हो पाता।
21 अप्रैल को जब दफ्तर खुले, तो कई शाखाओं में लंबित फाइलों की संख्या काफी बढ़ चुकी थी। कलेक्टोरेट कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 1 से 21 अप्रैल तक कई दिनों में शिकायतें लंबित रहीं।
लंबित शिकायतों का ब्यौरा (1 से 21 अप्रैल तक):
1 अप्रैल – 17 शिकायतें, 7 लंबित
8 अप्रैल – 21 शिकायतें, 18 लंबित
11 अप्रैल – 12 शिकायतें, 12 लंबित
15 अप्रैल – 10 शिकायतें, 10 लंबित
इन हालातों को देखते हुए शासन द्वारा “शासन तिहार” के अंतर्गत 8 अप्रैल से 31 मई तक एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर समस्याएं सुनी जा रही हैं। साथ ही, जनदर्शन हॉल में एक “समाधान पेटी” लगाई गई है, जिसमें लोग अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
सरकारी कार्यों में सुस्ती और जनता की बढ़ती समस्याओं को लेकर अब अवकाश प्रबंधन और कार्यालयीन कार्यसंस्कृति पर सवाल उठने लगे हैं।