छत्तीसगढ़ के उडांति-सितानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। मंगलवार को, वन विभाग की संयुक्त टीम ने ओडिशा के नबरंगपुर वन प्रभाग और छत्तीसगढ़ के वन विभाग के सहयोग से, धुगियामुड़ा गांव में एक गुप्त सूचना के आधार पर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इनके पास से एक तेंदुए की खाल बरामद की गई, जिसकी लंबाई 195 सेंटीमीटर थी और जो जहर से मरे होने के संकेत दे रही थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशोर महानंद (33), करट छत्रिया (36) और लखी मझी (29) के रूप में हुई है। इनके पास से एक मोटरसाइकिल, तीन मोबाइल फोन और अन्य साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तेंदुए को एक साल पहले मारा गया था और वे उसकी खाल को बेचने की योजना बना रहे थे। इस मामले में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वन विभाग की टीम अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।

यह गिरफ्तारी वन्यजीवों की सुरक्षा और अवैध शिकार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की सफलता को दर्शाती है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत तेंदुए जैसे संरक्षित प्रजातियों का शिकार और उनके अंगों का व्यापार अपराध माना जाता है, जिसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है। इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और अवैध शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभाग की यह पहल सराहनीय है और इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाना चाहिए ताकि हमारे वन्यजीवों को सुरक्षित रखा जा सके।