रायपुर: छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने निवेशकों को विभिन्न स्वीकृतियां और सेवाएं तय समय-सीमा में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इससे न केवल औद्योगिक विकास को गति मिलेगी बल्कि निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए देश का सबसे अनुकूल राज्य बनाना हमारी प्राथमिकता है। औद्योगिक विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।”
सेवाओं की तय समय-सीमा
राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड द्वारा जारी आदेश के अनुसार:
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खतरनाक तथा अन्य अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति: 60 दिन
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बायो-मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति: 60 दिन
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ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु स्वीकृति: 30 दिन
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निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति: 30 दिन
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नदी या सार्वजनिक जलाशयों से जल दोहन हेतु अनुमति: 300 दिन
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जल आपूर्ति एजेंसी से जल अनुपलब्धता प्रमाण पत्र: 90 दिन
भवन निर्माण से जुड़ी सेवाएं:
भवन योजना स्वीकृति, परिवर्तन या पुनरीक्षण, ध्वस्तीकरण एवं पुनर्निर्माण, प्लिंथ स्तर स्वीकृति तथा अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र — इन सभी के लिए अधिकतम 45 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
स्टार्टअप और अन्य सेवाएं:
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लिफ्ट और एस्केलेटर स्थापना हेतु पंजीकरण, नवीनीकरण, निरीक्षण: 45 दिन
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स्टार्टअप इकाइयों का पंजीकरण: 45 दिन
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निवेशकों की प्रश्नों और शिकायतों का निराकरण: 7 से 15 दिन के भीतर
औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत अब तक अधिसूचित न की गई कई सेवाओं को इस आदेश के माध्यम से अधिसूचित कर दिया गया है। इससे राज्य में निवेश का माहौल और अधिक अनुकूल बनेगा।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार त्वरित, पारदर्शी और जवाबदेह सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रयास छत्तीसगढ़ को देश के औद्योगिक मानचित्र पर और अधिक तेजी से स्थापित करने में मदद करेगा