छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी अब अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के जरिए मध्यप्रदेश में विद्युत विस्तार में सहयोग करेगी। छत्तीसगढ़ 400 केवी के टॉवर की डिजाइन मध्यप्रदेश को प्रदान करेगा, जबकि मध्यप्रदेश 220 केवी और 132 केवी के टॉवर की डिजाइन छत्तीसगढ़ को देगा। इस तकनीकी साझेदारी से दोनों राज्यों की पावर कंपनियों को लाभ मिलेगा।
छत्तीसगढ़ को 2.89 करोड़ रुपए का आर्थिक फायदा
नई तकनीक के कारण टॉवरों की स्थापना में जमीन की आवश्यकता कम हो जाएगी। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि तकनीकों के आपसी विनिमय से दक्षता में सुधार होता है और इससे आने वाली चुनौतियों का सामना करना आसान होगा। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि इस सहयोग से दोनों राज्यों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ को इस तकनीक साझेदारी से 2.89 करोड़ रुपए का सीधा आर्थिक फायदा हो रहा है।
कम जमीन में बड़े टॉवर स्थापित होंगे
इस नई डिजाइन से टॉवर के फाउंडेशन के लिए सामान्य टॉवर की तुलना में आधी जमीन लगेगी, जिससे किसानों की भूमि पर कम असर पड़ेगा। दोनों राज्यों के पावर ट्रांसमिशन कंपनियों ने जबलपुर में हुए अनुबंध समारोह में तकनीकी सहयोग पर हस्ताक्षर किए।
छत्तीसगढ़ की 400 केवी टावर डिजाइन को केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान बेंगलूरु द्वारा जांच और मंजूरी मिली है, जबकि मध्यप्रदेश की 220 केवी और 132 केवी नैरो बेस डिजाइन भी श्रेष्ठ मानी जाती है। इस साझेदारी से दोनों प्रदेशों की पावर कंपनियों की दक्षता और विकास को बल मिलेगा।