रायरपु। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन (CGMSC) में 550 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच में बड़ी कार्रवाई हुई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने शनिवार को विशेष न्यायालय में इस मामले में 18,000 पन्नों की चार्जशीट पेश की है। इस चालान में 25 पृष्ठों की समरी भी शामिल है, जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत से हुए फर्जीवाड़े का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है।
EOW की जांच में सामने आया कि CGMSC के अफसरों ने एक सिंडिकेट बनाकर निविदा प्रक्रियाओं में हेराफेरी की और अपने करीबी मोक्षित मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड के संचालक शशांक चोपड़ा को मेडिकल उपकरण और रीजेंट्स की आपूर्ति के लिए लाभ पहुंचाया। इसके एवज में 0.2% से 0.5% तक कमीशन लिया गया।
इस घोटाले में बसंत कुमार कौशिक, क्षिरोद्र रौतिया, डॉ. अनिल परसाई, कमलकांत पाटनवार और दीपक कुमार बंधे के साथ-साथ शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। छापेमारी के दौरान अधिकारियों के ठिकानों से बड़ी संख्या में लेन-देन के दस्तावेज, 9 मोबाइल फोन, 2 पेन ड्राइव और निविदा से संबंधित कई फाइलें जब्त की गईं।
विशेष न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 10 जून तय की है। उम्मीद है कि इस सुनवाई में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे और आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।