रायपुर। छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने और सियासी जमीन मजबूत करने के लिए नई रणनीति अपनाई है। मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री तक अब लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। खास बात यह है कि इन दौरों का मुख्य फोकस उन विधानसभा क्षेत्रों पर है, जहां कांग्रेस के विधायक हैं।
बीते सप्ताह कैबिनेट मंत्रियों ने बालोद और जांजगीर-चांपा जैसे जिलों का व्यापक दौरा किया। बालोद में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने प्रशासनिक कार्यों की गहन समीक्षा की। जिला कार्यालय में हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जनहित के कामों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। पीएचई विभाग के अधिकारियों को गांवों में पानी की समस्या दूर करने के लिए जल स्रोतों के रिचार्ज और वर्षा जल संरक्षण के लिए योजनाएं बनाने के निर्देश दिए गए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर अधिकारियों की बैठक ली। निरीक्षण के दौरान लापरवाही पाए जाने पर एक कर्मचारी को निलंबित करने का निर्देश भी उन्होंने दिया।
गौरतलब है कि बालोद जिले में तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। अब साय सरकार ने इन क्षेत्रों में भी अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीतिक तरीके से काम शुरू कर दिया है।
इसी तरह जांजगीर-चांपा जिले में भी, जहां कांग्रेस विधायकों की संख्या अधिक है, साय सरकार के मंत्री लगातार दौरे कर रहे हैं। क्षेत्रीय प्रशासनिक समीक्षा के साथ ही जनता के बीच सरकार की उपस्थिति बढ़ाकर सियासी समीकरणों को बदलने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
साय सरकार का यह आक्रामक प्रशासनिक और सियासी अभियान आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है।