छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को अब पहले से अधिक आसान और तेज बना दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा 20 मई से लागू की गई नई प्रणाली के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री होते ही खरीदार का नाम राजस्व रिकॉर्ड में तत्काल दर्ज किया जा रहा है। इससे पुराने नामांतरण की जटिल प्रक्रिया से लोगों को मुक्ति मिल गई है।
नई व्यवस्था के तहत रजिस्ट्री के समय ही संबंधित दस्तावेज जैसे बी-वन, खतौनी आदि खरीदार को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस सुविधा से अब नामांतरण के लिए अलग से आवेदन, शुल्क या प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं रह गई है।
बीते तीन दिनों में लगभग 100 जमीन रजिस्ट्री के मामले इस नई प्रणाली के तहत पूरे किए गए हैं, जिनमें तत्काल नामांतरण भी हो गया। हालांकि, सॉफ्टवेयर में बदलाव के कारण शुरुआती कुछ तकनीकी समस्याएं आईं, जिन्हें विभाग की तकनीकी टीम द्वारा मौके पर ही सुलझाया गया।
रजिस्ट्री के समय आधार की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए बॉयोमीट्रिक थंब वेरिफिकेशन की सुविधा भी शुरू की गई है। अधिकारियों का मानना है कि सोमवार से इस प्रक्रिया में और तेजी आएगी, जिससे जमीन से जुड़े अन्य कार्य भी बिना किसी देरी के पूरे किए जा सकेंगे।
नई सुविधा से नागरिकों को समय और मेहनत दोनों की बचत हो रही है, साथ ही पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ी है।