बिलासपुर नगर निगम ने शहर में बढ़ती अवैध प्लाटिंग पर सख्त कदम उठाते हुए सात क्षेत्रों में स्थित 142 भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नगर निगम आयुक्त अमित कुमार के निर्देश पर उप पंजीयक कार्यालय को पत्र भेजकर इन जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने की मांग की गई है।

बिना स्वीकृति के कॉलोनी काटी जा रही

नगर निगम को राजस्व विभाग से मिली रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मोपका, खमतराई, चांटीडीह, लिंगियाडीह, बिजौर, मंगला और तिफरा इलाकों में भू-स्वामियों द्वारा बिना ले-आउट प्लान और व्यपवर्तन के नियमों की अनदेखी करते हुए जमीनों को टुकड़ों में बांटकर अवैध रूप से बेचा जा रहा है। इससे ना केवल शहरी विकास की रूपरेखा प्रभावित हो रही है, बल्कि भवन निर्माण नक्शा स्वीकृति में भी परेशानियां आ रही हैं।

142 भूखंडों की सूची के साथ पत्र भेजा

नगर निगम ने उप पंजीयक को भेजे पत्र में संबंधित भूखंडों के मालिकों के नाम, खसरा नंबर और अन्य ज़रूरी जानकारी भी संलग्न की है। भेजी गई सूची के मुताबिक, मंगला क्षेत्र में 39, मोपका में 33, खमतराई में 40, तिफरा में 10, बिजौर में 10, चांटीडीह में 6 और लिंगियाडीह में 4 प्लॉट अवैध प्लाटिंग की श्रेणी में आए हैं।

तीन भू-स्वामियों को नोटिस जारी

इस कार्रवाई के तहत निगम ने मोपका और घुरू क्षेत्रों के तीन भू-स्वामियों को नोटिस भेजा है। इनमें घुरू के रामनाथ मिश्रा और उत्तम कुमार मिश्रा पर खसरा नंबर 126/1 की 0.535 एकड़ भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर भूखंड बेचने का आरोप है। वहीं, मोपका में शुभम ताम्रकार और अन्नू मसीह ने अलग-अलग खसरा नंबरों पर बिना अनुमति प्लॉट काटकर बिक्री की है। निगम ने तीनों को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है। तय समय में जवाब न देने पर निगम द्वारा सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

नगर निगम द्वारा इससे पहले भी कई बार अवैध कॉलोनियों में बनाई गई सड़कों, बाउंड्रीवॉल और अन्य निर्माणों को ध्वस्त किया गया है। अब रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगने से अवैध प्लाटिंग पर बड़ी रोक लग सकती है।