बीजापुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तेलंगाना सीमा पर माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बल का बड़ा अभियान जारी है। सुरक्षा बल की टीम ने 12 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर माओवादियों के ठिकाने तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। अभियान के दौरान माओवादियों के डंप सामान, बंकर और आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद हुए हैं। यह अभियान अब तक सात दिन से जारी है और इसे माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।

सुरक्षा बल के लिए चुनौतीपूर्ण था मार्ग
इस अभियान में सुरक्षा बल को पहाड़ी इलाके की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जहां माओवादियों के घातक ठिकाने स्थित थे। टीम ने 12 किमी की खड़ी चढ़ाई के बाद कर्रेगुट्टा पहाड़ी तक पहुंचने में सफलता पाई, जहां उन्हें माओवादियों के कई ठिकानों का पता चला।

इस दौरान सुरक्षा बल को माओवादियों के डंप सामान, बंकर और विस्फोटक सामग्री, जैसे कि आईईडी, बरामद हुए। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने पहले दिन इस अभियान के दौरान तीन माओवादियों को ढेर करने की जानकारी दी थी। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने और कोई आधिकारिक जानकारी जारी नहीं की है और कहा है कि अभियान पूरा होने के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

गुफा और शिवलिंग की जानकारी
सुरक्षा बल को जो गुफा मिली है, वह कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर नहीं बल्कि नड़पल्ली नामक दूसरी पहाड़ी पर मिली है। कुछ समाचार पत्रों ने दावा किया था कि गुफा कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर मिली है, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि गुफा नड़पल्ली पहाड़ी पर स्थित है। यह गुफा प्राकृतिक रूप से बनी हुई है और उसमें शिवलिंग भी पाया गया है। यह गुफा ग्रामीणों के लिए पूजा-पाठ का स्थान रही है, जहां वे नियमित रूप से जाते थे।

हिड़मा की धमकी
बीजापुर के आसपास के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि कुछ माह पहले माओवादी कमांडर हिड़मा ने उन्हें धमकी दी थी। उसने कहा था, “मैं पहाड़ी पर बैठा हूं, चाहे कितने भी जवान आ जाएं, सबको ठिकाने लगा दूंगा।” इस धमकी के बाद से ही सुरक्षा बल को इस इलाके में माओवादियों के ठिकानों के बारे में संदेह हुआ और कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर कार्रवाई शुरू की गई।

आईईडी और माओवादियों की धमकी
माओवादियों ने तेलुगू भाषा में एक पत्र जारी कर ग्रामीणों को चेतावनी दी थी कि वे कर्रेगुट्टा पहाड़ी से दूर रहें, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में आईईडी लगाए गए थे। इस पत्र के बाद सुरक्षा बल ने भी इस इलाके पर विशेष ध्यान देना शुरू किया और उसे एक संभावित माओवादी ठिकाना माना।

सुरक्षा बल की कार्रवाई एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) के उपग्रहों और मानवरहित ड्रोन द्वारा की गई निगरानी के आधार पर भी की गई थी, जिसमें माओवादियों की गतिविधियां देखी गईं थीं।

अभी भी जारी है अभियान
सुरक्षा बल का यह अभियान अभी भी जारी है और इसे माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। इस अभियान के दौरान माओवादियों को बड़ी क्षति पहुंचाई जा रही है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इलाके में माओवादियों के ठिकाने अभी भी सक्रिय हैं। पुलिस ने कहा कि जब तक यह अभियान समाप्त नहीं होता, तब तक अधिक जानकारी साझा नहीं की जाएगी।

सुरक्षा बल का उद्देश्य इस अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करना है ताकि इस क्षेत्र को माओवादियों से मुक्त किया जा सके और वहां के ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।