भारत बनाम पाकिस्तान: पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव – किसकी सेना है ज़्यादा ताकतवर?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी “द रेसिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली है, जिसका संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने हमले में शामिल होने से इनकार किया है।

भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया, पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा दी और देश में मौजूद पाकिस्तानियों को वापस लौटने का आदेश जारी किया। भारतीय नागरिकों को भी पाकिस्तान से लौटने के निर्देश दिए गए हैं। जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता रद्द करने और भारत के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया है।

बॉर्डर पर बढ़ता तनाव, युद्ध का खतरा
एलओसी (LOC) पर भी तनाव बढ़ रहा है। पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, जिसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। पाकिस्तान को डर है कि भारत पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर हमला कर सकता है, इसी कारण उसकी आर्मी, एयरफोर्स और नेवी अलर्ट मोड पर हैं। सतह से सतह तक मार करने वाली मिसाइलों की टेस्टिंग भी हो रही है।

भारत ने भी कुछ मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है और अपने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को अरब सागर में तैनात कर दिया है। दोनों देशों के बीच हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं, हालांकि फिलहाल युद्ध को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

भारत बनाम पाकिस्तान: किसकी सेना ज़्यादा ताकतवर?
तनाव के बीच यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि अगर युद्ध हुआ तो किस देश की सेना भारी पड़ेगी। आइए आंकड़ों पर नज़र डालते हैं:

कैटेगरी भारत पाकिस्तान
ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट 264 60
फाइटर जेट्स 606 387
कुल एयरक्राफ्ट 2,296 1,434
अटैक हेलीकॉप्टर्स 40 57
कुल हेलीकॉप्टर्स 869 352
एयरक्राफ्ट कैरियर 2 0
पनडुब्बियाँ 18 8
नेवी फ्लीट्स 294 114
मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम्स 702 602
तोपें 3,243 3,238
टैंक 4,614 3,742
बैलिस्टिक मिसाइलें 66 90
न्यूक्लियर बम 172 170
रिजर्व फोर्सेस 11,55,000 5,50,000
एक्टिव फोर्सेस 14,55,550 6,54,000

निष्कर्ष:
भारत ज़्यादातर सैन्य श्रेणियों में पाकिस्तान से आगे है, चाहे वह एयरफोर्स हो, नेवी हो या सेना की ताकत। पाकिस्तान के पास कुछ श्रेणियों में संख्या के हिसाब से बढ़त है, जैसे बैलिस्टिक मिसाइलों और अटैक हेलीकॉप्टरों में। दोनों देशों के पास न्यूक्लियर हथियार हैं, जिससे किसी भी संभावित युद्ध के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

युद्ध का परिणाम केवल सैन्य ताकत पर नहीं, बल्कि रणनीति, अंतरराष्ट्रीय समर्थन, आर्थिक स्थिति और जनता के मनोबल पर भी निर्भर करेगा। ऐसे में दोनों देशों के बीच शांति और बातचीत से ही समाधान निकलना सबसे बेहतर रहेगा।