नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस में चल रही अंदरूनी खींचतान अब लगभग समाप्त हो गई है। कांग्रेस के पांचों नाराज़ पार्षदों ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, जिससे अब यह तय हो गया है कि आकाश तिवारी ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे।
शहर जिला कांग्रेस कमेटी पहले ही आकाश तिवारी के नाम का प्रस्ताव निगम सभापति सूर्यकांत राठौर को सौंप चुकी है। अब सभापति उन्हें आधिकारिक मान्यता देंगे।
दरअसल, बजट सत्र के दौरान शहर कांग्रेस कमेटी ने दो बार के पार्षद संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया था, लेकिन इसके बाद 16 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आकाश तिवारी के नाम की घोषणा कर दी। इससे नाराज होकर संदीप साहू समेत पांच पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया था।
इस विवाद को सुलझाने के लिए पूर्व विधायक लेखराम साहू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू ने विवाद के निपटारे की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि इस बार नगर निगम में कांग्रेस के केवल 8 पार्षद चुने गए हैं। पांच पार्षदों के इस्तीफे से पार्टी की अंदरूनी राजनीति पर सवाल उठने लगे थे। इस्तीफा देने वाले पार्षद विभिन्न वरिष्ठ नेताओं के करीबी माने जाते हैं, जिससे पार्टी के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई थी।
अब जब सभी पार्षदों ने इस्तीफा वापस ले लिया है, तो पार्टी में एकता का संदेश गया है और आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने का रास्ता साफ हो गया है।