राजिम: पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो मनी म्यूल बनकर अवैध धन को इधर-उधर ट्रांसफर करने में लगे हुए थे। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की राजिम शाखा के 7 खातों में 30 मई 2024 से 17 अप्रैल 2025 के बीच कुल 4.16 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। जांच में पता चला कि ये राशि ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों से ठगी कर जमा की गई थी।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने जानबूझकर अपने बैंक खाते किराए पर देकर अपराधियों को सौंप दिए, ताकि वे इन खातों के जरिए ठगी की रकम को ट्रांसफर कर सकें। ये सभी खाते मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया में इस्तेमाल हो रहे थे, जिन्हें म्यूल अकाउंट कहा जाता है।
मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 317(2), 317(4), 318(4), 61(2)(क), और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में राधा साहनी (देवारपारा, राजिम), युवराज आदिल बकली (राजिम), बांकेबिहारी निषाद और कुंजबिहारी निषाद (शंकर नगर, नवापारा), रवि सोनकर (बगदेहीपारा, नवापारा), पवन कुमार मिरी (सतनामीपारा, बकली), मोहनीश कुमार टाण्डिया (नवागांव, मगरलोड), हरीश साह्रू (भाठापारा, नवापारा), रवि कुमार टिलवानी (महादेव घाट, रायपुर), और योगेन्द्र कुमार बंजारे (पटेलपारा, खिसोरा) शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि ऐसे बैंक खाते जो अवैध रूप से कमाए गए धन को छिपाने या ट्रांसफर करने के लिए किराए पर लिए जाते हैं, मनी म्यूल खाते कहलाते हैं और ये साइबर क्राइम व मनी लॉन्ड्रिंग का अहम हिस्सा होते हैं। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।