रायपुर शहर के कई इलाकों में बार और शराब दुकानों की वजह से स्थानीय निवासियों का जीना मुश्किल हो गया है। देर रात तक बारों में शराबखोरी, गाली-गलौज और झगड़ों की घटनाएं आम हो गई हैं। नशे में धुत लोग मोहल्ले में उत्पात मचाते हैं और राहगीरों से भिड़ जाते हैं, जिससे लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
भाठागांव और संतोषी नगर में बढ़ी परेशानी
भाठागांव स्थित कराओके बार और संतोषी नगर के योगी बार को लेकर स्थानीय लोगों ने पहले भी प्रदर्शन किया है। इन बारों में देर रात तक पार्टी और शराब सेवन चलता रहता है, जिससे आसपास के निवासियों को शांति से रहना मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद इन बारों को स्थानांतरित नहीं किया गया और न ही कोई सख्त कार्रवाई हुई।
आबकारी विभाग की अनदेखी
शहर की कई शराब दुकानों में बने आहाता सेंटर देर रात तक खुले रहते हैं और चोरी-छिपे शराब परोसी जाती है। यहां प्रतिबंधित प्लास्टिक पाउच का भी खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है, जिससे प्रदूषण की समस्या भी बढ़ रही है। हैरानी की बात यह है कि आबकारी विभाग की टीम इन जगहों की जांच करने नहीं आती, और न ही पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
सड़क किनारे शराब दुकानें बनीं मुसीबत
मोवा, आमासिवनी, भाठागांव और फाफाडीह जैसे इलाकों में मुख्य सड़कों के किनारे स्थित शराब दुकानों से ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है। शराब खरीदने आए लोग अपनी गाड़ियां सड़क पर खड़ी कर देते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। कुछ लोग वहीं नशा करके उत्पात मचाते हैं और राह चलते लोगों से उलझ जाते हैं।
स्थानीय नागरिकों की मांग है कि इन बारों और शराब दुकानों पर नियंत्रण लगाया जाए, उनके संचालन के समय पर सख्ती हो और जिम्मेदार विभाग नियमित जांच करें ताकि मोहल्लों में शांति बनी रहे।