छत्तीसगढ़ में नया शैक्षणिक सत्र 16 जून से आरंभ होने जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार “शाला प्रवेशोत्सव” का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे और सभी का समय पर नामांकन हो जाए।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि 100% साक्षरता हासिल करना एक कठिन लक्ष्य जरूर है, लेकिन इसे समाज के सहयोग से संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी वर्गों से आग्रह किया है कि वे शिक्षा के इस महाअभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
शिक्षा गुणवत्ता को लेकर नई पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” की भी शुरुआत की जा रही है। इस पहल का मकसद सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है। इसके तहत शिक्षकों की तैनाती में सुधार लाकर एकल शिक्षक और शिक्षकविहीन स्कूलों में प्राथमिकता से शिक्षक भेजे जा रहे हैं ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान का नेतृत्व करेंगे और राज्य को शिक्षित, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में योगदान देंगे।
गर्मी को देखते हुए स्कूल टाइमिंग में बदलाव
राज्य में भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। अब प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल सुबह 7 बजे से 11 बजे तक संचालित किए जाएंगे। वहीं दो पालियों में चलने वाले स्कूलों में उच्च कक्षाओं की पढ़ाई सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगी।
हालांकि, बारिश के मौसम या मौसम में बदलाव के अनुसार स्कूलों के समय में फिर से बदलाव किया जा सकता है। अनुमान है कि मानसून के बाद स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 2 या 3 बजे तक किया जा सकता है।
इस तरह, राज्य सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की स्कूल में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक और सशक्त योजना तैयार की है।