धमतरी जिले के कुरूद ब्लॉक के कुहकुहा गांव में एक युवा किसान ने फूलों की खेती को एक नया आयाम दिया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ चुके पुष्पक साहू ने अपने पुश्तैनी खेत में पारंपरिक खेती के बजाय ऑर्किड फूलों की हाईटेक खेती शुरू की है। खास बात यह है कि यह खेती जमीन पर नहीं, बल्कि हवा में की जा रही है।
पॉलीहाउस में थाईलैंड से मंगवाए 50 हजार पौधे
पुष्पक साहू ने अपने खेत में करीब 1.25 एकड़ क्षेत्र में पॉलीहाउस तैयार कर ऑर्किड के 50 हजार पौधे लगाए हैं। ये पौधे थाईलैंड से आयात किए गए हैं और इन्हें जमीन से तीन फीट ऊपर कोयले के बेड पर लगाया गया है। सिंचाई, पोषण और कीटनाशकों के लिए आधुनिक स्प्रिंकलर सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने की प्रशंसा
‘विकसित कृषि संकल्प’ अभियान के तहत धमतरी पहुंचीं कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने कुहकुहा गांव में इस अनोखी खेती का दौरा किया। उन्होंने पॉलीहाउस में जाकर पुष्पक से खेती की तकनीक और उत्पादन की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी ली और उनके प्रयास की सराहना की।
सरकारी सहयोग और कमाई की उम्मीद
पुष्पक साहू ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हें सरकार से करीब 56 लाख रुपये की सहायता मिली है। उन्होंने बताया कि पौधे लगाने के 10 महीने के भीतर ‘फ्लावर स्टिक’ निकलना शुरू हो जाती हैं, और इनकी कीमत एक सेंटीमीटर के हिसाब से प्रति रुपये मिलती है। एक बार लगाए गए पौधे लगातार 12 साल तक उत्पादन देते हैं।
उनका अनुमान है कि इस हाईटेक पॉलीहाउस से सालाना करीब 50 लाख रुपये की आमदनी हो सकती है।
फूलों की खेती में नए युग की शुरुआत
धमतरी जिले में ऑर्किड की यह खेती अपने आप में पहला और अनोखा प्रयोग है। यह न सिर्फ स्थानीय किसानों को प्रेरित कर रहा है, बल्कि आधुनिक और लाभकारी कृषि की एक मिसाल भी बन रहा है।