गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी की प्रतिमा हटाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सख्त रुख अपनाया है। रविवार को रायपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और चेतावनी दी कि यदि आगामी एक महीने के भीतर प्रतिमा को दोबारा नहीं स्थापित किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

अमित जोगी ने आरोप लगाया कि जिस तरीके से प्रतिमा को हटाया गया, वह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा उनके पिता की स्मृति में उनके ही निजी भूमि पर स्थापित की गई थी, फिर भी उसे चोरी-छिपे हटाया गया। उन्होंने पूछा कि यदि किसी को प्रतिमा से आपत्ति थी, तो लोकतांत्रिक तरीके से बात की जा सकती थी, न कि इस तरह गुपचुप कार्रवाई करके।

उन्होंने भाजपा और सरकार से अपील करते हुए कहा कि अजीत जोगी की प्रतिमा को राजनीतिक हथियार न बनाया जाए। “कुछ मुद्दे राजनीति नहीं, नैतिकता से सुलझते हैं,” ऐसा कहते हुए उन्होंने याद दिलाया कि अजीत जोगी केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि हर छत्तीसगढ़वासी के प्रिय नेता थे। उनके सम्मान में किसी भी दल या संगठन को राजनीति नहीं करनी चाहिए।

अमित जोगी का यह बयान प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा कर सकता है। साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है।