राजधानी रायपुर में एक बार फिर हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर और उसके भाई रोहित सिंह तोमर का नाम सुर्खियों में है। पुलिस इन दोनों फरार भाइयों का अब तक कोई सुराग नहीं जुटा पाई है, लेकिन कार्रवाई के तहत वीरेंद्र की पत्नी शुभ्रा सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।

गुरुवार की शाम एक महिला मीडियाकर्मी और उसके सहयोगी कैमरामैन वीरेंद्र के घर के बाहर कवरेज कर रहे थे, तभी शुभ्रा सिंह, संगीता सिंह और प्रभंजन सिंह ने उन पर हमला कर दिया। तीनों ने मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की, गाली-गलौज की और उनका कैमरा तोड़ डाला। मामले की सूचना मिलते ही पुरानी बस्ती पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया। उनसे पूछताछ जारी है।

इस बीच, पुलिस को जानकारी मिली है कि वीरेंद्र और रोहित सिंह तोमर फिलहाल उत्तर प्रदेश में छिपे हुए हैं। दोनों के खिलाफ रायपुर के पुरानी बस्ती और तेलीबांधा थानों में आर्म्स एक्ट, सूदखोरी और संगठित अपराध के तहत कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। इसके बावजूद आज तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है और न ही किसी मामले में उन्हें सजा मिल पाई है।

पुलिस ने हाल ही में वीरेंद्र के करीबी माने जाने वाले रविंदर सिंह और ऋषभ सिंह के घर छापा मारा। वहां से कई दस्तावेज बरामद हुए, जिनसे पता चला कि दोनों के पास करीब 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

गौरतलब है कि वीरेंद्र सिंह राष्ट्रीय करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष है और उस पर लंबे समय से संगठित अपराधों में संलिप्त होने के आरोप हैं। रोहित सिंह भी अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा है। वह हाल ही में हाइपर क्लब फायरिंग और गुढ़ियारी अपहरण व ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों में जमानत पर रिहा हुआ है।

पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि अब तक इन दोनों अपराधियों को न तो जिलाबदर किया गया है और न ही उनकी जमानत रद्द करवाई गई है। कोर्ट में चल रहे मामलों में भी गवाहों की पेशी नहीं हो पा रही है, जिससे केस कमजोर हो रहे हैं।

जहां हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह और रोहित सिंह तोमर पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, वहीं पुलिस अब उनके करीबियों पर शिकंजा कस रही है। शुभ्रा सिंह और उसके साथियों की गिरफ्तारी इसी कार्रवाई का हिस्सा है। देखना होगा कि क्या यह दबाव पुलिस को दोनों फरार आरोपियों तक पहुंचा पाएगा या मामला फिर पुराने ढर्रे पर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।