छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शिक्षा का उजाला एक बार फिर लौट आया है। आज यानी सोमवार से जिले में शैक्षणिक सत्र 2025-26 की औपचारिक शुरुआत हो गई है। जिले के कुल 969 स्कूलों में बच्चों की चहचहाहट फिर से सुनाई देने लगी है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को नए सिरे से रंग-रोगन कर सजाया है और साफ-सफाई के साथ बच्चों के स्वागत के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

वर्षों से बंद 76 स्कूलों में बहाल हुई पढ़ाई

नक्सलियों के डर से बंद पड़े 76 स्कूलों में इस बार नियमित शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। गुंडापुर, मुदवेंडी, हिरमगुंडा, मुरकीपाड़, जीड़पल्ली और गुन्जेपरती जैसे दूरस्थ व संवेदनशील इलाकों में भी शिक्षकों की पोस्टिंग हो चुकी है। लगभग दो दशक बाद इन इलाकों में शिक्षा की लौ फिर से जली है।

बच्चों का पारंपरिक स्वागत, मिलेगा स्कूल बैग और किताबें

इस सत्र में करीब 6000 नए बच्चों का नामांकन संभावित है। इन नवप्रवेशी विद्यार्थियों का तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया जा रहा है। साथ ही उन्हें स्कूल बैग और पाठ्यपुस्तकें भी वितरित की जा रही हैं।

63368 छात्र सरकारी स्कूलों में कर रहे पढ़ाई

जिले के कुल 962 स्कूलों में इस समय लगभग 63368 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें 740 प्राथमिक, 158 माध्यमिक, 34 हाईस्कूल और 30 हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं।

युक्तियुक्तकरण के बाद अब कोई स्कूल शिक्षकविहीन नहीं

शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत जिले के 78 स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना की है। इसके चलते अब ऐसा कोई स्कूल नहीं बचा है जहां शिक्षक न हो। एक हाई स्कूल में सभी रिक्त व्याख्याता पद भी भर दिए गए हैं।

स्वागत के लिए स्कूलों में विशेष सजावट

स्कूलों में छात्रों के स्वागत के लिए रंग-बिरंगे पोस्टर, झंडे और स्वागत द्वार बनाए गए हैं। कुछ स्कूलों में तो बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर पूरा परिसर सजाया है, जिससे स्कूलों में उत्सव जैसा माहौल बन गया है।

शिक्षकों को समय पर पहुंचने और आत्मीयता से पढ़ाने के निर्देश

जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वे समय पर स्कूल पहुंचे और खासतौर पर छोटे बच्चों का आत्मीय स्वागत करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल औपचारिक प्रक्रिया न होकर, बच्चों से जुड़ाव और संवाद पर आधारित होनी चाहिए।

“हर बच्चा देश का भविष्य निर्माता है,” यह कहते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एलएल धनेलिया ने भरोसा जताया कि इस नए सत्र में बच्चों को बेहतर शिक्षा और एक सकारात्मक वातावरण देने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।