छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सुदूरवर्ती और वनवासी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने की दिशा में एक और ठोस कदम उठाया है। मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) अंतर्गत स्थित दुर्गम वनग्रामों में रात्रिकालीन सौर प्रकाश व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से पुराने और क्षमता खो चुके सोलर बैटरियों को बदला जा रहा है।
शनिवार को उप मुख्यमंत्री एवं लोरमी विधायक अरुण साव ने लोरमी से 13 बसाहटों के लिए नई सोलर बैटरियां लेकर जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन बैटरियों की आपूर्ति क्रेडा (CREDA) के माध्यम से की जा रही है, जो महामाई, डंगनिया, तिलईडबरा, लमनी, छपरवा, अचानकमार, मंजूरहा, कटामी, अतरिया, बम्हनी, राजक और सुरही सहित 12 गांवों की बसाहटों में लगाई जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि इन क्षेत्रों में पहले से स्थापित सोलर यूनिट्स की बैटरियां पुरानी हो चुकी थीं, जिससे रात में घरों और गलियों में रोशनी की कमी हो रही थी। अंधेरे की वजह से स्थानीय लोग असुरक्षित महसूस कर रहे थे और जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता था।
इस समस्या को ग्रामीणों ने 19 मई को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में बिजराकछार में आयोजित समाधान शिविर में प्रमुखता से उठाया था। तत्पश्चात उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करते हुए बैटरियों को बदलने के निर्देश दिए।
अब इन 13 बसाहटों में नई बैटरियों की स्थापना के बाद 322 घरों और गलियों में पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित की जा सकेगी। पूरे अचानकमार क्षेत्र में पहले ही 25 गांवों में 112 सोलर पॉवर यूनिट्स लगाई जा चुकी हैं, जिनमें से यह कार्य 12 गांवों को कवर करता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम में भी अब ये गांव अंधेरे में नहीं डूबेंगे। सरकार की प्राथमिकता है कि दूरस्थ और वनवासी गांवों तक सभी मूलभूत सुविधाएं समय पर पहुंचें। यह प्रयास ग्रामीणों के जीवन को सुरक्षित और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।